परिचय
भारतीय बाजार में नियमों में परिवर्तन की प्रक्रिया जारी है, जिसमें हाल ही में मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) के लिए 1 प्रतिशत सिक्योरिटी डिपॉजिट की शर्त को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय कंपनियों के लिए लिस्टिंग प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नया नियम
पहले, कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होने के लिए उनके इश्यू साइज का 1 प्रतिशत सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में जमा करना होता था। हालाँकि, इस सुरक्षा जमा को बाद में रिफंड किया जाता था, लेकिन इस प्रक्रिया ने कई कंपनियों के लिए जोखिम का प्रदर्शन किया। अब से, कंपनियों को इस प्रक्रिया के दौरान नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) सौंपने की आवश्यकता नहीं होगी, जिसने नियमों को और भी लचीला बना दिया है।
प्रभाव और लाभ
SEBI के इस निर्णय का बड़ा प्रभाव मार्केट पर डाला जा सकता है। इससे कंपनियों के लिए IPO प्रक्रिया में तेजी लाना संभव हो जाएगा और व्यवसायों को अपने विकास को आगे बढ़ाने का अधिक अवसर मिलेगा। साथ ही, यह निवेशकों के लिए भी सकारात्मक संकेत है, जिन्होंने भारतीय बाजार में अधिक सक्रियता की उम्मीद की थी। इस बदलाव के कारण संभावित रूप से अधिक IPOs देखने को मिल सकते हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।