28 जनवरी 2025 (मंगलवार) का FII और DII डेटा

a laptop computer sitting on top of a wooden desk

28 जनवरी 2025 (मंगलवार) को विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) की गतिविधियों ने भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। DII ने शुद्ध खरीदारी की, जबकि FII ने शुद्ध बिक्री की, जो बाजार में निवेशकों के मिश्रित रुख को दर्शाता है। आइए, इस दिन के डेटा को विस्तार से समझते हैं।

FII और DII डेटा (28 जनवरी 2025)

विवरण DII (₹ करोड़ में) FII (₹ करोड़ में) खरीदारी मूल्य 19,735.28 11,165.86 बिक्री मूल्य 12,920.95 16,086.55 शुद्ध मूल्य+6,814.33-4,920.69

DII की गतिविधियाँ

घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 28 जनवरी को शुद्ध खरीदारी की, जो बाजार के प्रति उनके सकारात्मक रुख को दर्शाता है।

  • खरीदारी मूल्य: ₹19,735.28 करोड़
  • बिक्री मूल्य: ₹12,920.95 करोड़
  • शुद्ध मूल्य: +₹6,814.33 करोड़

DII की शुद्ध खरीदारी ने बाजार को स्थिरता प्रदान की और FII की बिकवाली के प्रभाव को कुछ हद तक कम किया। यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार में अपना विश्वास बनाए हुए हैं।

FII की गतिविधियाँ

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने इस दिन शुद्ध बिक्री की, जो उनके सतर्क रुख को दर्शाता है।

  • खरीदारी मूल्य: ₹11,165.86 करोड़
  • बिक्री मूल्य: ₹16,086.55 करोड़
  • शुद्ध मूल्य: -₹4,920.69 करोड़

FII की शुद्ध बिक्री का कारण वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती, या भारतीय बाजारों में मुनाफावसूली हो सकता है। FII का यह रुख अक्सर अल्पकालिक बाजार अस्थिरता का कारण बनता है।

बाजार पर प्रभाव

  • DII की शुद्ध खरीदारी ने बाजार को समर्थन दिया और FII की बिकवाली के नकारात्मक प्रभाव को संतुलित किया।
  • FII की शुद्ध बिक्री ने बाजार में कुछ दबाव डाला, लेकिन DII की मजबूत खरीदारी के कारण बाजार में गिरावट सीमित रही।
  • यह डेटा दर्शाता है कि घरेलू निवेशक भारतीय बाजारों में अपना विश्वास बनाए हुए हैं, जबकि विदेशी निवेशक अल्पकालिक लाभ लेने के लिए बिकवाली कर रहे हैं।

निष्कर्ष

Photo by rc.xyz NFT gallery on Unsplash

28 जनवरी 2025 का FII और DII डेटा बाजार में निवेशकों के मिश्रित रुख को दर्शाता है। DII की शुद्ध खरीदारी ने बाजार को स्थिरता प्रदान की, जबकि FII की शुद्ध बिक्री ने कुछ दबाव डाला। आने वाले दिनों में, बाजार की दिशा वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतों, साथ ही FII और DII की गतिविधियों पर निर्भर करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *