SBI ने ग्राहकों को दिया झटका
देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को चौंका दिया है। बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को बढ़ा दिया है। यह दर वह मापदंड होती है जो बैंक द्वारा ग्राहकों को न्यूनतम ब्याज दर पर लोन देने को सीमित करता है।
एमसीएलआर दरों का महत्व
MCLR का सीधा प्रभाव ग्राहकों पर पड़ता है। यह वह दर है जिसके तहत बैंक किसी ग्राहक को लोन नहीं दे सकता। एमसीएलआर में वृद्धि का मतलब है कि अब एसबीआई ग्राहकों को होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य प्रकार के ऋणों पर अधिक ब्याज दर चुकानी होगी।
लोन होल्डर्स पर प्रभाव
जो ग्राहक पहले से होम लोन या अन्य ऋण लिए हुए हैं, उनके लिए यह किसी बड़े बोझ से कम नहीं है। एमसीएलआर दर बढ़ने पर उनकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी, जिससे उनका बजट प्रभावित होगा। नई दरों से समायोजन के कारण उन्हें आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कदम उठा सकते हैं ग्राहक?
इस बढ़ती दर की स्थिति में, लोन होल्डर्स को अपने बैंक से बात करके विकल्प ढूंढने होंगे। वे अपने लोन को रेफाइनेंस करवा सकते हैं या फिर किसी दूसरे कम ब्याज दर वाले बैंक में स्विच कर सकते हैं। साथ ही, वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।
अन्ततः, एमसीएलआर दरों में वृद्धि से ग्राहकों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। अतः ग्राहकों को सावधानी से अपने लोन और वित्तीय योजना का पुनर्मूल्यांकन कर कदम उठाना चाहिए।