दलाल स्ट्रीट का आगामी सप्ताह: आरबीआई के ब्याज दर फैसले और तिमाही नतीजों सहित ये कारक रहेंगे प्रभावी
निवेशकों के लिए आगामी सप्ताह व्यस्त और निर्णायक रहने वाला है, क्योंकि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) का फैसला, कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक संकेतों सहित कई अहम कारक बाजार को दिशा दे सकते हैं। आइए इन पहलुओं पर विस्तार से नज़र डालें:
1. आरबीआई का ब्याज दर फैसला: स्थिरता के आसार, लेकिन टोन पर नजर
- MPC की बैठक: 5 से 7 जून तक होने वाली इस बैठक में रेपो रेट (वर्तमान में 6.5%) पर फैसला लिया जाएगा।
- विशेषज्ञ अनुमान: ज्यादातर अर्थशास्त्री रेट में कोई बदलाव नहीं होने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन गवर्नर शक्तिकांत दास का भाषण (मौद्रिक नीति रुख) बाजार के लिए अहम होगा।
- महत्वपूर्ण बिंदु:
- मुद्रास्फीति पर नजर: खाद्य कीमतों पर मानसून का प्रभाव और वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें।
- विकास दर: GDP के अनुमानों में संशोधन और तरलता प्रबंधन पर टिप्पणी।
- वैश्विक दबाव: अमेरिकी फेड की ब्याज दर नीति और INR पर इसका असर।
2. तिमाही नतीजों की बाढ़: इन कंपनियों पर रहेगा फोकस
इस सप्ताह कई प्रमुख कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- ऑटो सेक्टर: टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा (मांग, इनपुट लागत और EV प्लान्स पर ध्यान)।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर: अदाणी पोर्ट्स (कार्गो वॉल्यूम और लॉजिस्टिक्स एक्सपेंशन)।
- टेलीकॉम: भारती एयरटेल (5G रोलआउट और ARPU वृद्धि)।
- बैंकिंग और वित्त: स्टॉक्स जैसे बजाज फाइनेंस पर भी नजर।
निवेशक क्या देखेंगे?
- मार्जिन में सुधार: कच्चे माल की कीमतों और ऑपरेशनल दक्षता का प्रभाव।
- भविष्य का आकलन: FY25 के लिए गाइडेंस और कैपिटल एक्सपेंडिचर योजनाएं।
3. वैश्विक संकेत: FII निवेश और कच्चे तेल की कीमतें
- अमेरिकी आंकड़े: गैर-कृषि पेरोल डेटा और फेड के बयान FII के रुख को प्रभावित करेंगे।
- तेल की कीमतें: ब्रेंट क्रूड ~$85/बैरल के आसपास, लेकिन मध्य पूर्व में तनाव से उतार-चढ़ाव की आशंका।
- जियोपॉलिटिकल रिस्क: इजरायल-हमास युद्ध और यूक्रेन संकट से बाजार में अस्थिरता।
4. तकनीकी संकेत: निफ्टी और बैंक निफ्टी के स्तर
- निफ्टी: 22,500 के स्तर के पास, समर्थन 22,200 और प्रतिरोध 22,800।
- बैंक निफ्टी: 48,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर, HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसे शेयरों की चाल अहम।
5. FII/DII गतिविधि: निवेश का रुख
- FIIs: हाल के हफ्तों में नेट सेलर रहे हैं, USD/INR और वैश्विक बॉन्ड यील्ड का असर जारी।
- DIIs: घरेलू निवेशकों की खरीदारी बाजार को सपोर्ट दे रही है।
निवेशकों के लिए सलाह
- सतर्क रुख: RBI की टिप्पणी और वैश्विक संकेतों पर नजर रखें।
- सेक्टरल फोकस: ऑटो, बैंकिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर में मजबूत नतीजों वाली कंपनियों को प्राथमिकता।
- डायवर्सिफिकेशन: अस्थिरता को कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें।
निष्कर्ष: RBI का नीतिगत फैसला और कॉर्पोरेट नतीजे बाजार की अल्पकालिक दिशा तय करेंगे। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताओं के मद्देनजर निवेशकों को लंबी अवधि के फंडामेंटल्स पर ध्यान देना चाहिए। SIP के माध्यम से नियमित निवेश जारी रखना समझदारी होगी।
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