शेयर बाजार पर प्रभाव
19 दिसंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के हालिया बयान के बाद भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स, जो शुरुआती कारोबार में 79,242.65 अंक पर था, लगभग 964 अंक गिर गया। यह गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का मुख्य कारण बनी है। पिछले कुछ हफ्तों में, बाजार ने कई उतार-चढ़ाव देखे थे, लेकिन इस बार की गिरावट ने बाजार के स्थायित्व पर सवाल उठाए हैं।
निफ्टी में गिरावट
निफ्टी इंडेक्स ने भी इस गिरावट से अछूता नहीं रहा। यह लगभग 1 फीसदी लुढ़ककर 24,000 के नीचे आ गया है। विश्लेषकों के अनुसार, फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और ब्याज दरों के संबंध में उनके बयान ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता पैदा कर दी है। ऐसे में लंबे समय से चल रहा बाजार का रुझान अचानक बदल सकता है।
निवेशकों की चिंताएँ
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बयान का असर केवल भारत के शेयर बाजार पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दिखाई देगा। यह स्थिति निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो का पुनरावलोकन करें और बाजार के मौजूदा रुझानों के प्रति सजग रहें। इस समय सतर्कता आवश्यक है, ताकि वे आने वाले समय में बड़े नुकसान से बच सकें।