रिन्यूएबल एनर्जी टारगेट का महत्व
भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी के लिए 500 गीगावॉट का टारगेट निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत और स्थायी रणनीति की आवश्यकता है। रिन्यूएबल एनर्जी, जैसे कि सौर और पवन ऊर्जा, न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह ऊर्जा की आत्मनिर्भरता में भी योगदान करती है।
घरेलू मैन्युफैक्चरिंग की कमी
हालांकि भारत की योजनाएं महत्वाकांक्षी हैं, लेकिन घरेलू मैन्युफैक्चरिंग क्षमता अभी भी काफी सीमित है। यह स्थिति इंडस्ट्री को विदेशी आयात पर निर्भर बनाती है, जिससे लागत में वृद्धि होती है और देश की स्वदेशी विकास की क्षमता कम होती है। यदि हम घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में सक्षम होते हैं, तो यह रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
आगे का रास्ता: वित्तमंत्री की भूमिका
आगामी यूनियन बजट में, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद की जा रही है कि वे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए ठोस उपायों की घोषणा करेंगी। जैसे पहचानने योग्य सब्सिडी, और वित्तीय प्रोत्साहन, जो स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहित करेंगे और भारत की रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद करेंगे। इस दिशा में ठोस कदम उठाना न केवल व्यापार के लिए लाभकारी होगा, बल्कि ये पर्यावरण में सकारात्मक परिवर्तन भी लाएंगे।